बैसाखी, या वैसाखी, पंजाब और हरियाणा में बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है। ये 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है, जो कि पंजाबी नए साल का पहला दिन होता है और सिख समुदाय के लिए एक महत्तवपूर्ण दिन भी है। इस साल, बैसाखी 2024 13 अप्रैल को मनाया जाएगा।
इस दिन, लोग गुरुद्वारे जाकर अरदास करते हैं और गुरुद्वारा साहिब में लंगर भी चलाते हैं, जिसमें सभी एक साथ भोजन करते हैं। ये दिन सिख समुदाय में गुरु गोबिंद सिंह जी की खालसा पंथ के गठन के समय की यादगार है। इस दिन, लोग नगर कीर्तन भी निकालते हैं, जिसमें सिख धर्म के प्रचार के लिए भांगड़ा और गतका की प्रस्तुति की जाती है।
बैसाखी का इतिहास सिख धर्म के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि गुरु गोबिंद सिंह जी ने इस दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। क्या उन्होंने पंज प्यारे को चुना और खालसा पंथ की स्थापना की। इस दिन को आपता मेले के रूप में भी मनाया जाता है, जिसमें लोग भांगड़ा करते हैं, गतका की प्रस्तुति करते हैं, और अलग-अलग स्टालों में सिख कला, साहित्य और खाना-खास का आनंद लेते हैं।
बैसाखी का महत्व देश भर में अलग-अलग रूप में मन जाता है। पंजाब और हरियाणा में इस दिन को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है, जबकी दूसरे क्षेत्रों में भी लोग इस दिन को खुशी से मनाते हैं। यह एक सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और प्रेम और भाईचारा बढ़ाता है।